मनोज मंडावी का निधन : राहुल गांधी, सीएम भूपेश बघेल, मंत्रिमंडल और PCC समेत भाजपा नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

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रायपुर. विधानसभा अध्यक्ष मोहन मंडावी के निधन पर राहुल गांधी ने दुख जताया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस परिवार के वरिष्ठ और दिग्गज नेता, छत्‍तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्‍यक्ष और भानुप्रतापपुर से विधायक, मनोज मंडावी जी की हृदयाघात से आकस्मिक निधन की खबर बेहद दुःखद है.

राहुल ने कहा कि वह बेहद विनम्र स्वभाव के व्यक्ति थे, कांग्रेस की विचारधारा में उनका अटूट विश्वास था. वो जमीनी राजनीति को बेहतर ढंग से समझते थे, इसलिए जनता ने उन्हें 3 बार अपने विधायक के रूप में चुना. मैं सभी शोकाकुल परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. समस्त कांग्रेस परिवार की तरफ से विनम्र श्रद्धांजलि.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी के निधन पर गहरा दुख जताया है. मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि मंडावी वरिष्ठ आदिवासी नेता थे. उन्होंने नवगठित छत्तीसगढ़ के गृह राज्यमंत्री और विधानसभा के उपाध्यक्ष सहित अनेक महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया और प्रदेश की सेवा की. वे वर्ष 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के और वर्ष 2013 और 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए. मंडावी छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष भी रहे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनोज सिंह मंडावी आदिवासी समाज के बड़े नेता थे. वे आदिवासियों की समस्याओं को विधानसभा में प्रभावशाली ढंग से रखते थे. मंडावी आदिवासी समाज की उन्नति और अपने क्षेत्र के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रहे. प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा. उनका निधन हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है. मुख्यमंत्री ने मनोज सिंह मंडावी के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है.

वहीं मनोज मंडावी के बारे में बताते-बताते मंत्री कवासी लखमा रो पड़े. उन्होंने रोते हुए कहा कि उनका जाना पार्टी के लिए अपूर्णीय क्षति के साथ ही मेरी व्यक्तिगत और पारिवारिक क्षति भी है. उनके निधन की खबर से बेहद दु:खी हूं, वो आदिवासियों के एक बहुत बड़ा चेहरा थे. आदिवासी के मुद्दे पर बहुत दमदारी के साथ लड़ते थे, वे एक दमदार लीडर थे. मंत्री लखमा ने कहा कि मैंने लंबे समय से उनके साथ काम किया है. जब भी राजनीतिक बात होती थी हम साथ बैठकर चर्चा करते थे. जितना हमारे परिवार के एक सदस्य के जाने से दुःख होता है, उससे कहीं ज्यादा दुःख मुझे आज हो रहा है. ये आदिवासी समाज और बस्तर के लिए बहुत बड़ा नुकसान है.

मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष और कद्दावर आदिवासी नेता मनोज मंडावी के निधन का बेहद दुःखद समाचार प्राप्त हुआ. ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को शान्ति एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करें. मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और समर्थकों के साथ हैं.

विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन पर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम और उनकी पूरी कार्यकारिणी ने भी शोक जताया है. मोहन मरकाम ने गहरा दुख जताते हुए उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धाजंली अर्पित की. मरकाम ने कहा कि उनके निधन से कांग्रेस ने असीम सम्भावनाओ से भरा अपना कर्मठ नेता खो दिया. वे आदिवासी समाज की मजबूत आवाज थे. उनका इस तरह जाना हृदय विदारक है. ईश्वर उनके परिजनों को इस वज्राघात को सहने की शक्ति दे. प्रदेश प्रभारी महामंत्री अमरजीत चावला ने भी मंडावी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता धरमलाल कौशिक ने भी मनोज मंडावी को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि मनोज मंडावी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करने वाले थे. सभी दलों के साथ उनका अच्छा सम्बंध रहा, क्षेत्र के विकास के लिए उनकी प्रतिबद्धता रही है. युवा नेता के रूप में आये थे और कद्दावर नेता के रूप में यहां से विदा हुए हैं. न केवल कांग्रेस पार्टी के लिए बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए अपूर्णीय क्षति है.