महाशिवरात्रि पर्व पर बन रहा है कई खास योग भगवान शिव की पूजा विशेष लाभकारी होगा सिद्ध – पंडित नंदकिशोर चौबे

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पूरन मेश्राम/मैनपुर। भगवान शिव शक्ति की आराधना का पर्व महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाया जाता है माना जाता है कि महाशिवरात्रि के ही दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था इसके चलते हर माह में मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है और फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाते हैं।

महाशिवरात्रि पर्व पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं जिसके चलते इस बार महाशिवरात्रि की पूजा भक्तों के लिए लाभकारी और खास होगा महाशिवरात्रि पर बन रहे खास योग के बारे में चर्चा करते हुए पंडित नंदकिशोर चौबे ने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि पर शिवयोग, सिद्ध योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, श्रवण धनिष्ठा नक्षत्र चंद्र योग, और सूर्य शनि बुध की युति का संयुक्त निर्माण हो रहा है इन चारों योग का एक ही दिन पर बना अद्भुत सहयोग है इसके अतिरिक्त महाशिवरात्रि के दिन ही शुक्र प्रदोष व्रत रहेगा जो भक्तो के लिए विशेष लाभकारी होगा जो भी भक्त व्रत रखकर पूजा-पाठ करेंगे, भोलेनाथ उनकी सारी मनोकामनाएं जल्द पूरी करेंगे।

पंडित श्री चौबे ने आगे बताया की महाशिवरात्रि 8 मार्च दिन शुक्रवार को है। यह पर्व रात्रि के अष्टम मुहूर्त में यदि चतुर्दशी आ जाए तो महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। आठ मार्च को त्र्योदशी रात नौ बजकर 54 मिनट तक है। अष्टम मुहूर्त शुक्रवार की रात्रि को रात 11 बजकर 45 मिनट पर आ रहा है। इसलिए महाशिवरात्रि 8 मार्च को मनाया जाएगा। नौ मार्च शनिवार को चतुर्दशी शाम 6 बजकर 14 मिनट तक है। इसलिए महाशिवरात्रि 8 मार्च को बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि के दिन सवार्थ सिद्धि योग के साथ साथ प्रदोष काल शुक्रवार को है। यह उत्तम योग माना गया है। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल मिलता है। उन्होंने कहा कि इस दिन शिवकथा श्रवण करने और शिव चालीसा का पाठ करने से उत्तम फल मिलता है।

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