सांसदी छीनकर डरा नहीं सकते; मोदी-अडाणी का रिश्ता क्या है- सवाल पूछता रहूंगा; मेरी आवाज बंद नहीं कर सकते : राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी- India TV Hindi

नई दिल्ली। राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने को लेकर देश भर में ज़बरदस्त सियासी घमासान मचा हुआ है। राहुल को लेकर दिल्ली से मुंबई तक हंगामा जारी है। इस बीच आज राहुल गांधी अपनी सदस्यता और अयोग्यता को लेकर मीडिया के सामने आए हैं। राहुल गांधी अपनी सज़ा और संसद से अयोग्य किए जाने पर बोले कि हिंदुस्तान में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है। अडाणी जी की शेल कंपनियां हैं। उसमें 20 हजार करोड़ रुपया किसी ने निवेश किया। ये 20 हजार रुपये किसके हैं। मैंने ये सवाल पूछा था। राहुल ने कहा कि अडानी की कंपनियों में चीन का पैसा है।

“अडानी और मोदी का रिश्ता नया नहीं, बहुत पुराना”

राहुल गांधी ने कहा कि अडानी और मोदी का रिश्ता नया नहीं है, ये बहुत पुराना है। जब मोदी गुजरात के सीएम बने थे, तबी से रिश्ता है। मैंने संसद में सबूत दिए, अडानी और PM मोदी के रिश्ते के बारे में बोला। अडानी को नियमों में बदलाव करके एयरपोर्ट दिए गए, इसपर मैंने संसद में बात की। राहुल ने कहा कि मेरे बारे में मंत्रियों ने संसद में झूठ बोला। आरोप लगाया गया कि मैंने विदेशी ताकतों से मदद मांगी। राहुल ने कहा कि विदेश से कोई मदद नहीं मांगी। मैंने स्पीकर को प्वाइंट टू प्वाइंट जवाब दिया था। मेरे भाषण का हिस्सा हटाया गया।

“स्पीकर ने मुझे बोलने क्यों नहीं दिया”

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा। अडानी का नरेंद्र मोदी से क्या रिश्ता है? इन लोगों से मुझे डर नहीं लगता। अगर इनको लगता है कि मेरी सदस्यता रद्द करके, डराकर, धमकाकर, जेल भेजकर मुझे बंद कर सकते हैं। मैं हिन्दुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा।” राहुल गांधी ने कहा कि स्पीकर ने मुझे बोलने क्यों नहीं दिया। मुझे धमकाकर ये चुप नहीं करा सकते। मैं किसी से डरता नहीं, देशहित में बोलता रहूंगा। मुझे अयोग्य करके मेरी आवाज नहीं बंद कर सकते।

“ये OBC का नहीं, मोदी और अडानी के रिश्ते का मामला”

सूरत कोर्ट के फैसले के बाद संसद सदस्यता रद्द होने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि मैं जनता के बीच रहूंगा, यही मेरा काम है। राहुल ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा की मेरी कोई भी स्पीच देख लीजिए, मैंने हमेशा कहा है कि सब समाज एक हैं। नफरत, हिंसा नहीं होनी चाहिए। ये OBC का मामला नहीं है, ये नरेंद्र मोदी और अडानी के रिश्ते का मामला है। भाजपा ध्यान को भटकाने का काम करती है, कभी OBC की बात करेगी, कभी विदेश की बात करेगी।

“सरकार ने हमें लड़ने के लिए हथियार दे दिया”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि मुझे फर्क नहीं पड़ता कि मैं संसद के अंदर हूं या बाहर हूं। मुझे अपनी तपस्या करनी है, मैं उसे करके दिखाऊंगा। राहुल गांधी ने कहा कि वायनाड के साथ मेरा पारिवारिक रिश्ता है। मैं न्यायिक व्यवस्था का सम्मान करता हूं। सरकार ने हमें लड़ने के लिए हथियार दे दिया है। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री मुझसे डरे हुए है, इसलिए मेरी सदस्यता गई। मुझे समर्थन करने वाले विपक्षी दलों का शुक्रिया।

सवाल-जवाब में पूरी बातचीत …

सवाल: आप शहीदों के परिवार से आते हैं। आपकी दादी भी डिस्क्वालिफाई हुईं। जनता के बीच गईं। सत्ता में वापस आईं। आज के दौर में राहुल भी डिस्क्वालिफाई हो गए हैं। आपने तमाम मुद्दे उठाए। चीन का मुद्दा उठाया। क्या राहुल गांधी भी जनता के बीच में जाएंगे। और वही वापसी फिर से करेंगे?

राहुल: राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में साढ़े चार महीने जनता के बीच रहे। ये मेरा काम है और करता जाऊंगा। आज के हिंदुस्तान में जो पहले राजनीतिक पार्टियों को सपोर्ट मिलती थी। मीडिया और बाकी संस्थानों से मिलती थी। अब नहीं मिलती है। तो विपक्षी पार्टियों के पास एक ही रास्ता है। जनता के बीच में जाने का।

सवाल: भाजपा ने आप पर ओबीसी समुदाय के अपमान का आरोप लगाया है। इस पर आप क्या जवाब देंगे।
राहुल : आप मेरी भारत जोड़ो यात्रा में मेरी कोई भी स्पीच देख लीजिए। मैं वहां कह रहा हूं कि सब समाज एक है। सबको एक साथ चलना चाहिए। भाई चारा होना चाहिए। नफरत, हिंसा नहीं होनी चाहिए। ये ओबीसी का मामला नहीं है, ये नरेंद्र मोदीजी और अडाणीजी के रिश्ते का मामला है। 20 हजार करोड़ रुपए, जो अडाणी जो को पता नहीं कहां से मिले। उसके बारे में मैं सवाल पूछ रहा हूं। उसका जवाब चाहिए। भाजपा ध्यान को भटकाने की कोशिश करती है। कभी ओबीसी की बात करेगी, कभी विदेश में दिए बयान की बात करेगी।

सवाल: आपने कहा आप डरते नहीं हैं। लेकिन केंद्र सरकार के टारगेट पर हैं। पूरी मशीनरी आपके खिलाफ है। ऐसे में आपके सामने रास्ता क्या है?
राहुल: चाहे स्टेट हो कुछ भी हो। मैं सच्चाई को देखता हूं। मुझे और किसी चीज में रुचि नहीं है। मैं सच्चाई बोलता हूं। राजनीति में यह फैशनेवल बात नहीं है। मगर ये बात मेरे खून में है। मैं और कोई रास्ता निकाल ही नहीं सकता हूं। तो ये मेरा काम है। यही मेरी तपस्या है। जीवन की तपस्या है। इसे मैं करता जाऊंगा। चाहे मुझे डिस्क्वालिफाई करें। मारें-पीटें। चाहे जेल में डालें। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। इस देश ने मुझे सबकुछ दिया है।

सवाल: भाजपा के नेता जो आप पर हमले कर रहे हैं। उस पर क्या कहेंगे। इसके अलावा, वायनाड के लोग भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। उस पर आप क्या कहेंगे?
राहुल: वायनाड के लोगों के साथ मेरा पारिवारिक रिश्ता है। फैमिली और प्यार का रिश्ता है। मैंने सोचा कि मैं वायनाड के लोगों के लिए चिट्ठी लिखूं कि मेरे दिल में उनके लिए क्या है।

सवाल: कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि गुजरात के कोर्ट ने जो सजा सुनाई और आपका जो निलंबन हुआ यह सब कुछ पीएम और केंद्र सरकार के कहने पर हो रहा है। लेकिन बीजेपी कह रही है कि कानून ने अपना काम किया है। आप क्या कहेंगे?

राहुल: ये लीगल मैटर है। मैं हिंदुस्तान के लीगल सिस्टम की इज्जत करता हूं। इस पर यहां बात नहीं करना चाहता हूं।

सवाल: आपकी सदस्यता रद्द हुई तो बहुत सारे ऐसे विपक्षी दल जो कांग्रेस से दूरी बनाके चलते थे, वो भी आपके समर्थन में आए। तो क्या आपको लगता है कि वो समय आ गया है जब सारे विपक्ष को एकजुट हो जाना चाहिए।
राहुल: मैं सब विपक्षी दलों का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने इस मामले में हमारा सपोर्ट किया। हम सब मिलकर काम करेंगे।

सवाल: जिस बयान को लेकर आपको सजा सुनाई गई है। क्या आपको उस बयान को लेकर अफसोस है?
राहुल: अभी ये लीगल डिस्कशन है। उसपर मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता। मगर मैं जो भी सवाल उठाता हूं वो सोच-समझकर उठाता हूं।

सवाल: कुछ ही दिन पहले लक्ष्यद्वीप के सांसद मोहम्मद फैसल की सदस्यता रद्द हो गई थी। बाद में हाईकोर्ट ने स्टे कर दिया था। अभी भी उनकी सदस्यता बहाल नहीं हुई है। लेकिन चुनाव आयोग ने चुनाव की घोषणा करने के बाद उसे रोक दिया था। अगर ऊपरी अदालत से आपको स्टे मिलता है। तो आपको उम्मीद है कि लोकसभा स्पीकर भी आपकी सदस्यता को बहाल करेंगे।
राहुल: मुझे उम्मीद में कोई इंटरेस्ट ही नहीं है। चाहे मुझे सदस्यता मिले, ना मिले, मैं अपना काम करूंगा। अगर ये मुझे स्थायी रूप से डिसक्वालिफाई कर दें, तो भी मैं अपना काम करूंगा। चाहे ये मुझे बहाल करे दें, तो भी मैं अपना काम करूंगा। मैं संसद के अंदर हूं या बाहर, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे अपनी तपस्या करनी है, वो मैं वो करके दिखाऊंगा।

राहुल की पीसी में दो सीएम भी मौजूद थे

इससे पहले राहुल के साथ प्रियंका गांधी पार्टी दफ्तर पहुंचीं। इस दौरान कार्यकर्ता नारेबाजी करते नजर आए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, अभिषेक मनु सिंघवी, जयराम रमेश और वेणुगोपाल मौजूद थे।