22 दिन बाद सकुशल पहुंचने पर शिवम का गांव में ढोल-नगाड़े के साथ हुआ जोरदार स्वागत

Chhattisgarh Crimes

गरियाबंद/पांडुका। तिरुपति बालाजी में अपहरण के बाद सकुशल मिले कुरूद निवासी 6 वर्षीय शिवम का 22 दिनों बाद गुरुवार को दोपहर गांव वापस लौटने पर ग्रामीणों ने आतिशबाजी के साथ जोरदार स्वागत किया। रथ पर बैठाकर उसे गांवभर भ्रमण कराया गया। शिवम का स्वागत करते हुए लोगों की आंखें छलक गईं। सभी ने उस पर खूब प्यार-दुलार लुटाया।

डीएनए टेस्ट के बाद परिजनों को सौंपा

पांडुका क्षेत्र के ग्राम पंचायत कुरूद के शिक्षक उत्तम साहू के पुत्र शिवम का 22 दिन पहले तिरुपति बालाजी में दर्शन के दौरान अपहरण हो गया था। जिसको खोजने व सकुशल वापस लाने में शासन-प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, गरियाबंद प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का काफी योगदान रहा। इसी कड़ी में विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन में शिवम के मिलने के बाद उसे अलीपीरी थाना तिरुपति लाया गया। उसके जांच परीक्षण और डीएनए टेस्ट के बाद व सारे नियम फॉलो करने के बाद आखिरकार आंध्र प्रदेश पुलिस ने शिवम को उसके घर जाने उसके मां-बाप को सौंप दिया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से विधायक अमितेश शुक्ला, भुनेश्वर साहू, गजेंद्र साहू सरपंच लुमेश दीवान उप सरपंच प्रहलाद साहू पूर्व सरपंच कमल राम पितांबर साहू, कार्तिक साहू, ग्राम के डोमार साहू, प्रेम साहू, हितेश साहू व शिवम का पूरा परिवार माता, पिता. दादा सहित बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण भी उपस्थित रहे।

ग्रामीणों ने लुटाया प्यार-दुलार

ट्रेन से सफर करने के बाद शिवम अपने माता-पिता के साथ गुरुवार दोपहर अपने घर कुरूद पहुंचा। जहां पहले से ही कुरूद गांव के लोगों ने शिवम के स्वागत के लिए पलके बिछाए बैठे थे। वहीं, गांव की गलियों की साफ -सफाई गई थी। गांव में तोरण द्वार लगाया गया था। शिवम के स्वागत के लिए पिकअप को रथ की तरह सजा कर गांव में बाजे गाजे और ढोल नगाड़े के साथ भ्रमण कराया गया। जहां पटाखे फोड़े गए। आतिशबाजी के साथ पंचायत भवन में स्वागत किया गया। उसके बाद ग्राम के मुख्य मंच गायत्री मंदिर के पास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां हर कोई मास्टर शिवम को अपने अनुसार प्यार, दुलार और पैसा भी न्योछावर किए।

राजिम विधायक भी पहुंचे

6 साल के मासूम शिवम के दूसरे प्रदेश में जिंदगी के जंग लड़कर पुन: अपने गांव पहुंचने पर ग्रामीणों की आंखें छलक आई। हर घर से लोग आकर शिवम को दुलार करने लगे। साथ ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व राजिम विधायक अमितेश शुक्ला पहुंचे थे। इस प्रकार एक अनजान जगह में अपनी वीरता का परिचय दिया यह किसी युद्ध से कम नहीं और शिवम ने 6 साल की उम्र में योद्धा की तरह जंग जीत कर आया। इसमें सबसे बड़ा योगदान आंध्र प्रदेश पुलिस का था, जिन्होंने जी जान देकर आखिरकार शिवम को ढूंढ निकाला।