समिति के खाते से पार किए 23 लाख रुपए, कांग्रेस नेता और उनकी पत्नी के खिलाफ केस दर्ज

Chhattisgarh Crimes

रायपुर. राजधानी के बसंत कृपा सहकारी गृह निर्माण समिति मर्यादित समिति के खाते से लाखों रुपए गबन करने का मामला सामने आया है. समिति के सदस्यों ने डीडी नगर थाना में समिति की अध्यक्ष अलका सिंह बैस और उनके पति कांग्रेस नेता राकेश सिंह बैस के खिलाफ 23 लाख रुपए गबन करने की शिकायत डीडीनगर थाने में की है. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले में जांच शुरु कर दी है. आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राकेश सिंह पहले से ही ठगी के मामले में जेल काट रहा है.

ये है धोखाधड़ी का पूरा मामला

शिकायकर्ता महेश कुमार अग्रवाल ने पुलिस को बताया कि वो सेंचुरी कॉलोनी, बसंत कृपा सहकारी गृह निर्माण समिति मर्यादित, डीडीयू नगर रायपुर रहते हैं. वे बंसत कृपा सहकारी गृह निर्माण समिति मर्यादित समिति के निर्वाचित संचालक सदस्य हैं. हमारी सोसाइटी बसंत कृपा गृह निर्माण समिति मर्यादित रायपुर (रजि. नं. 126 ) का बैक खाता क्रं. 01820100002948 यूको बैंक मुख्य शाखा रायपुर में है. सोसायटी के संचालक मंडल ने 14 अप्रैल 2020 की सभा में इस बैंक खाते के संचालन के लिए अध्यक्ष अलका सिंह बैस, उपाध्यक्षा मनोज तिवारी एंव संचालक जितेन्द्र साहू में से किन्ही दो के हस्ताक्षर किए जाने के निर्णय सदस्यों के विरोध के बाद हुआ. इस दस्तावेज को बैंक में जमा कर दिया गया है.

शिकायकर्ता महेश कुमार अग्रवाल ने पुलिस को बताया, संचालक मंडल के निर्णय के विरूद्ध कुटरचना द्वारा सोसाइटी के बैंक खाते से लगभग 23 लाख रुपए निकालकर राकेश सिंह बैस और ओमनारायण पांडेय को दी गई. इस राशि को निकालने के लिए फर्जी दस्तावेज भी लगाए गए हैं. मामले में समिति की अध्यक्ष अलका सिंह बैस और उनके पति राकेश सिंह बैस के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है. समिति के सदस्यों की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.

डीडी नगर थाने का पुराना अपराधी है राकेश बैस

राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे राकेश बैस और उसके पीए ओम नारायण को पुलिस ने बीते 25 अप्रैल को गिरफ्तार किया था. राकेश डीडी नगर थाने का पुराना अपराधी है. उसके खिलाफ हत्या का प्रयास वसूली जैसे 10 मामले दर्ज हैं. अप्रैल में वह जवान रामनारायण राजपूत और परिचितों से नौकरी लगाने के नाम पर 35 लाख ठगने के आरोप में गिरफ्तार हुआ था. उसने मंत्रालय और सरकार में ऊपर तक पहुंच बताकर यह वसूली की थी. उसने मंडी निरीक्षक उपनिरीक्षक, खाद्य निरीक्षक की नौकरी लगाने का झांसा दिया था. पीड़ित रामनारायण स्वयं पुलिस जवान है इसलिए राकेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की हिम्मत दिखाई थी.