कलयुग में पहली बार जिंदा दिखे जटायु! साक्षात रूप देख लोगों ने बुलाई वन विभाग की टीम

Chhattisgarh Crimes

लखनऊ. उत्तर प्रदेश से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। इस खबर को सुनकर कई लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है। ऐसा एक पक्षी कानपुर के बेनाझाबर इलाके में पाया गया है। जिसे लोग रामायण काल ​​से जोड़ रहे हैं। आप भी इस पक्षी को देखकर हैरान रह जाएंगे। बेनाझाबर ईदगाह कब्रिस्तान के पास एक दुर्लभ हिमालयन ग्रिफॉन गिद्ध रेस्क्यू किया गया। आप इस पक्षी को देखेंगे तो जटायू जैसा लग रहा है। इस पक्षी को एलन फॉरेस्ट जू के पशु चिकित्सालय में 15 दिन के क्वारंटीन के लिए भेजा गया है।

15 दिन के लिए भेजा गया क्वारंटीन

जिला वन अधिकारी श्रद्धा यादव ने बताया कि गिद्ध को 15 दिन के लिए चिडिय़ाघर के अस्पताल में क्वारंटीन किया गया है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि हिमालयी गिद्धों के एक जोड़े के देखे जाने की बात सामने आई है। बेनाझार इलाके में एक और गिद्ध है, उसकी तलाश की जा रही है।चिड़ियाघर के पशुचिकित्सक डॉ नासिर जैदी ने बताया कि पकड़े गए हिमालयन गिद्ध को अन्य पक्षियों से अलग अस्पताल परिसर में रखा गया है। उन्होंने कहा, इसका वजन लगभग 8 किलो है। डॉक्टरों की टीम दुर्लभ गिद्ध की निगरानी कर रही है। चिड़ियाघर में पहले से ही चार हिमालयन ग्रिफॉन गिद्ध हैं।

उड़ने में असमर्थ

बेनाझाबर ईदगाह कब्रिस्तान में कुछ लोगों ने इसे देखा, यह गिद्ध उड़ नहीं पा रहा था। जिसके बाद उन्होंने तुरंत वन विभाग को इसकी सूचना दी। ग्रिफॉन गिद्ध हिमालय और आसपास के तिब्बती पठार के किनारे पाया जाता है। यह प्रजाति वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित है।