नई दिल्ली। जिस तरह चीन में जैक मा और पोनी मा ने अलीबाबा और टेनसेंट के जरिए वहां के इंटरनेट बिजनस पर पूरा अधिकार कर लिया है। ऐसा लग रहा है कि भारत के 130 करोड़ लोगों के डेटा पर कंट्रोलिंग बिजनस केवल दो लोगों के बीच सिमट कर रह जाएगा। खबर है कि टाटा ग्रुप एक सुपर ऐप लेकर आने वाली है जो चाइनीज वी चैट की तरह होगा। माना जा रहा है कि टाटा संस अपने सुपर ऐप के लिए वॉलमार्ट से हाथ मिला सकती है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक वॉलमार्ट 25 अरब डॉलर का निवेश टाटा ग्रुप में कर सकती है।
अंबानी को जियो का फायदा
मुकेश अंबानी और टाटा ग्रुप-दोनों के अपने-अपना फायदे हैं। मुकेश अंबानी को जियो के 40 करोड़ यूजर्स का फायदा है। इसके अलावा रिलायंस का रीटेल चेन भारत में सबसे बड़ा है। इसके करीब 12 हजार स्टोर्स हैं। रतन टाटा की बात करें तो टाटा ग्रुप के 100 से अधिक बिजनस हैं। वह चायपत्ती से लेकर कार तक बनाती है। हर कैटिगरीज के बिजनस के लिए कंप्लीट अलग-अलग सप्लाई चेन सिस्टम है।
वॉलमार्ट के साथ करार तो फ्लिपकार्ट का मिलेगा फायदा
ऐसे में अगर टाटा ग्रुप एक ऐसा पोर्टल विकसित करती है जहां इसके वेंडर्स अपना सामान बेच सकते हैं तो इसका दायरा काफी बढ़ जाएगा। इन सब के बीच अगर वॉलमार्ट के साथ करार हो जाता है तो टाटा के पास फ्लिपकार्ट का समर्थन हासिल हो जाएगा। वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट का 16 अरब डॉलर में अधिग्रहण किया था।
टेलिकॉम सेक्टर से बाहर हो चुकी है टाटा
टाटा ग्रुप के सामने कुछ चुनौतियां हैं। वह टेलिकॉम बिजनस से बाहर निकल चुकी है। अगर होती तो इस काम में फायदा होता। एयर इंडिया और एयरएशिया ग्रुप की हालत खराब है। अगर टाटा एविएशन सेक्टर में रहना चाहती है और एयर इंडिया जो कभी टाटा की कंपनी थी, उसे खरीदती है तो उसे बहुत ज्यादा पैसे की जरूरत होगी। टाटा ग्रुप पर 20 अरब डॉलर यानी 1.5 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज है। मुकेश अंबानी ने हाल ही में आरआईएल को नेट डेट फ्री किया है।