ब्लैक फंगस से छत्तीसगढ़ में तीसरी मौत

Chhattisgarh Crimes

दुर्ग। छत्तीसगढ़ के लोगों को कोरोना से अभी राहत मिली नहीं थी कि ब्लैक फंगस पांव पसारने लगा है। इसी बीच दुर्ग जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, दरअसल जिले में एक और ब्लैक फंगस के मरीज की मौत हो गई है, जिसके बाद प्रदेश में ब्लैक फंगस से मौत का आंकड़ा तीन पहुंच गया है।

मिली जानकारी के अनुसार चरोदा निवासी 61 वर्षीय महिला का चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा था। महिला ब्लैक फंगस की बीमारी से पीड़ित थी। सोमवार रात महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई। बता दें कि दुर्ग जिले में अब तक ब्लैक फंगस के 14 मरीजों की पुष्टि हुई है।

वहीं दूसरी ओ स्वास्थ्य विभाग ने ब्लैक फंगस को लेकर अहम जानकारी दी है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि राज्य में ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीज के प्रकरण आ रहे हैं। अभी तक प्रदेश में 76 प्रकरण सामने आए हैं और उनका इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में इसके इलाज के लिए पर्याप्त दवाईयां हैं। राज्य में ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) का इलाज सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में किया जाएगा।

ब्लैक फंगस संक्रामक बीमारी नही है। यह एक मरीज से दूसरे मरीज को नही फैलता है। यह सेंकेडरी संक्रमण की श्रेणी में आता है। यह उन मरीजों को ज्यादा प्रभावित करता है जिन्हे अनियंत्रित डायबिटीज हो और कोविड से ग्रस्त होने के कारण स्टेरायड दवाई से उनका उपचार हुआ हो। यह बीमारी व्यक्तिगत साफ सफाई,मुख की साफ सफाई नही रखने वाले व्यक्तियों को अधिक हो सकती है। इसके अलावा जिनका अंग प्रत्यारोपण हुआ हो और उन्हे इम्यूनोसप्रेसेंट दवाईयां दी गई हों ,उनमें भी ब्लैक फंगस होने की संभावना अधिक होती है। पीड़ित मरीजों के उपचार हेतु राज्य के तकनीकी समिति के विशेषज्ञों द्वारा अनुशंसित स्टैन्डर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकाॅल राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों को जारी किया है।