यह 1962 नहीं है, 2022 का भारत है, ईंट का जवाब पत्थर से नहीं…लोहे से, तवांग पर जानें किसने कही यह बात?

Chhattisgarh Crimes

नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित तवांग सेक्टर में 9 और 11 दिसंबर को हुई चीन के सैनिकों से हिंसक झड़प के बाद से पूरे देश में आक्रोश है। भारत से चीन को यह संदेश दिया जा रहा है कि “यह 1962 नहीं है,2022 का भारत है। यहां ईंट का जवाब पत्थर से नहीं, बल्कि भारतीय सैनिक अब ईंट का जवाब लोहे से देते हैं। बिल्कुल करारा जवाब। चीन को वर्ष 2020 के गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों से भिड़ंत और अब तवांग में 9 दिसंबर की झड़प में खैर यह बात समझ भी आ गई होगी। भारत के महज कुछ सैनिकों ने चीन के 300 से अधिक सैनिकों को बॉर्डर से खदेड़ दिया। जबकि चीनी सैनिक कटीली लाठियां लेकर यांग्त्सी घाटी पर एकतरफा कब्जा करने के लिए आए थे।

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने यांग्त्से घाटी में चीनी सैनिकों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में एकतरफा बदलाव की कोशिश के संदर्भ में मंगलवार को कहा कि भारतीय सैनिक किसी भी बाहरी आक्रमण का करारा जवाब देने में सक्षम हैं। उन्होंने पूर्व में चीनी घुसपैठ का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि ‘‘यह 1962 नहीं है।’’ खांडू ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के एक ट्वीट को साझा करते हुए यह टिप्पणी की। रक्षामंत्री ने पिछले सप्ताह अरुणाचल प्रदेश में एलएसी को पार करने के चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के प्रयास पर राज्यसभा में दिए गए अपने बयान को पोस्ट किया। खांडू ने ट्वीट किया, ‘‘यांग्त्सी मेरे विधानसभा क्षेत्र (मुक्तो) के अंतर्गत आता है और हर साल मैं सेना के जवानों और क्षेत्र के ग्रामीणों से मिलता हूं। यह 1962 नहीं है। अगर कोई भी अतिक्रमण करने की कोशिश करेगा, तो हमारे बहादुर जवान करारा जवाब देंगे।’’ यांग्त्से में स्थिति को संभालने वाले भारतीय सैनिकों की सराहना करते हुए अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ईंट का जवाब पत्थर से नहीं, ईंट का जवाब लोहा से दे रही है, हमारी वीर सेना।

एक इंच पर भी कब्जा नहीं कर पाएगा चीन

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी चीन को कड़ा संदेश दिया है। पहले अमितशाह ने कहा कि चीन के सैनिक भारत के दावे वाले क्षेत्र में घुसना चाहते थे, लेकिन भारतीय सेना ने उन्हें खदेड़ दिया है। भारत उन्हें अपनी एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं करने देगा। मोदी सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है और भारतीय सेना चीन की हर साजिश का जवाब देने में सक्षम है। वहीं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी आज संसद में बयान देकर कहा कि चीन यांग्त्सी घाटी में एकतरफा कब्जा करने की नीयत से आया था, लेकिन भारतीय जवानों ने चीन के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया। चीनी जवानों को पीछे हटना पड़ा है। भारत की सेना आगे भी ऐसी हरकत होने पर चीन को मुहंतोड़ जवाब देती रहेगी।