विधानसभा का शीतकालीन सत्र : किसानों की आत्महत्या मामला सदन में गरमाया

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गई है। जो 30 दिसंबर तक चलेगी। सदन की कार्यवाही से पहले दिवंगत पूर्व विधायक हीरासिंह मरकाम, पूरनलाल जांगड़े, लाल महेंद्रसिंह टेकाम, घनाराम साहू के कार्यों को सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने याद किया।

विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे, पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह, जेसीसी विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह, मोहन मरकाम, मंत्री अमरजीत भगत, विधायक धनेंद्र साहू समेत कई सदस्यों ने श्रद्धांजलि दी. सदस्यों के संबोधन के बाद दो मिनट के मौन धारण के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

किसानों की आत्महत्या मामला सदन में गरमाया रहा। सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गए। विपक्ष ने कहा कि सरकार आत्महत्या जैसे गंभीर विषय पर भी जवाब नहीं दे रही है। दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस के साथ एक-दूसरे पर किसानों की आत्महत्या को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे।

सरकार किसानों की सरकार

भारी हंगामे के बीच सदन की कार्रवाई 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्रवाई शुरू होने के साथ विपक्षी सदस्य किसानों की खुदकुशी के मामले में सरकार पर आरोप लगाते रहे। बृजमोहन अग्रवाल और नारायण चंदेल ने खुदकुशी करने वाले किसानों के परिजनों को 25 -25 लाख मुआवजा देने की मांग करते हुए हंगामा किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा यह सरकार किसानों की सरकार है, किसानों के लिए जो सवाल उठेगा उसका जवाब देंगे।

सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए की स्थगित

सत्ता पक्ष सदस्यों ने विपक्षी सदस्यों पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। वहीं भाजपा सदस्य नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में पहुंचे। इसके साथ सदन में फिर हंगामा मंच गया। सदन ने गर्भगृह में नारेबाजी करने वाले भाजपा और जनता कांग्रेस के सदस्यों को निलंबित कर दिया गया, लेकिन निलंबित सदस्य गर्भगृह में बैठक कर नारेबाजी करने लगे।

आखिरकार सभापति ने सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए की स्थगित कर दी। पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि स्थगन के विषय और सरकार के जवाब सामने हैं। सदन में समग्र रूप से चर्चा होगी। सरकार की यह जिम्मेदारी है। सभी उत्तर को संकलित कर सदन में सरकार को जवाब प्रस्तुत करना चाहिए।

परिजनों को उचित मुआवजा नहीं दिया

कांग्रेस विधायक और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के काम की हर तरफ तारीफ हो रही है। बीजेपी को यह पच नहीं रहा है। 15 सालों तक बीजेपी की सरकार के दौरान बड़ी तदात में किसानों ने आत्महत्या की लेकिन कभी किसानों के परिजनों को उचित मुआवजा नहीं दिया।