छत्तीसगढ़ के 15 आईएएस अफसर मिड कॅरियर ट्रेनिंग के लिए जाएंगे मसूरी

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। राज्य सरकार ने 15 आईएएस अफसरों को मिड कॅरियर ट्रेनिंग के लिए मंजूरी दे दी है। इनमें छत्तीसगढ़ कैडर के 2008 से 2014 बैच के आईएएस शामिल हैं। बता दें कि राज्य सरकार ने धान खरीदी व अन्य जरूरी कार्यों के मद्देनजर चार कलेक्टरों को ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए मंजूरी नहीं दी थी।

देशभर से करीब 162 आईएएस अफसरों को मिड कॅरियर ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए चुना गया है। इनमें 2007 से लेकर 2014 बैच के आईएएस हैं। मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी में 25 दिन की ट्रेनिंग होगी। 19 दिसंबर से 13 जनवरी के बीच यह ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित है।

इनमें छत्तीसगढ़ से 2008 बैच के अफसर श्यामलाल धावड़े, राजेश सिंह राणा, जनक प्रसाद पाठक, महादेव कावरे, नीलकंठ टिकाम, 2009 बैच की किरण कौशल, अय्याज तंबोली, अवनीश कुमार शरण, 2010 बैच के डॉ. सारांश मित्तर, जयप्रकाश मौर्य, 2012 बैच के संजय अग्रवाल, रणबीर शर्मा, रितेश कुमार अग्रवाल, शिव अनंत तायल, 2013 बैच के गौरव कुमार सिंह, इंद्रजीत चंद्रवाल और 2014 बैच के ऋतुराज रघुवंशी का चयन किया गया है।

बता दें कि मिड कॅरियर ट्रेनिंग प्रोग्राम का मकसद अधिकारियों को अगले स्तर पर काम करने में सक्षम बनाना है। इसी ट्रेनिंग के आधार पर जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड, सुपर टाइम स्केल और इंक्रीमेंट तय होता है।

राज्य में अधिकारियों की कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने रायपुर कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू, महासमुंद कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर और जांजगीर-चांपा कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा को ट्रेनिंग में जाने की मंजूरी नहीं दी है।