देश में परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण तीन नासूर : अमित शाह

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने पीएम नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में 20 साल के कार्यकाल पर लिखी गई किताब मोदी@20 पर आयोजित परिचर्चा में कहा कि देश में परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण तीन बड़े नासूर थे। इसे खत्म करने का काम नरेंद्र मोदी ने काम किया। देश में गरीबों पर बातें होती थी, गरीबी हटाओ का नारा दिया जाता था, लेकिन गरीबी नहीं हटी। मोदी जब पीएम बने, तब गरीबों के बैंक खाते खुले, शौचालय बने, करोड़ों मकान बने हैं। मोदी ऐसे नेता हैं, जो खुद घंटों काम करते हैं। मुझे रात 12 के बाद कोई फोन आता है तो मैं जानता हूं कि वह पीएम मोदी का होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार बदल दो यहां से भी वामपंथी उग्रवाद चुटकी में चला जाएगा।

दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में बुद्धिजीवियों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि मोदीजी के 20 साल के पहले गुजरात के सीएम और देश के प्रधानमंत्री के कार्यकाल को एक पुस्तक के अंदर संकलित किया गया है। छत्तीसगढ़ की जनता के सामने परिचय रख रहा हूं। पीएम मोदी में किसी को गरीबों का कल्याण करने वाला समाज सेवक दिखाई देता है। किसी को देश का रक्षक, किसी को संस्कृति को पहुंचाने वाला तपस्वी, किसी को विश्व के सभी प्रकार के प्लेटफॉर्म पर भारत को गौरव के साथ रखने वाला भारत माता का पुत्र दिखाई देता है। युवाओं को मोदी के अंदर स्टार्टअप की राह दिखाने वाला मार्गदर्शक दिखाई देता है। गरीबों को उद्धारक दिखाई देता है।

मोदीजी के बारे में 25-30 मिनट में बात करना, उनके कार्यों को समाहित करना संभव नहीं है। 50 साल का सार्वजनिक जीवन केवल और केवल अपने अलावा दूसरे के लिए सोचने वाले का जीवन के लिए किसी भी पुस्तक का शब्दों में बांध पाना आसान नहीं है। एक आर्टिकल मैंने भी लिखा है। भाजपा के कार्यकर्ता की नजर से नरेंद्र मोदी। नरेंद्र मोदी के जीवन को इसलिए लोगों के सामने ले जाने की जरूरत है, क्योंकि इससे प्रेरणा मिल सकती है। मार्गदर्शन मिल सकता है। लाखों करोड़ों युवा यदि इस रास्ते पर चल पाएंगे तो देश का उद्धार हो जाएगा।

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में परिवर्तन दिखाई देता है। 7 करोड़ गरीबों को पहली बार अनुभव आया है कि आजादी के बाद उनका भी अस्तिस्व है। मोदी के पीएम बनने से पहले करोड़ों लोग ऐसे थे, जिनमें किसी के पास घर नहीं, स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं, गैस नहीं, बैंक खाते नहीं थे। पहली बार इनके जीवन में सार्थक परिवर्तन दिखा। जिसके घर में शौचालय नहीं है, उसकी तकलीफ वे नहीं समझ सकते जिनके घर शौचालय है। जो अपने घरों में रहते हैं, उन्हें बेघरों का दर्द पता नहीं होगा।

देश में गरीबी हटाओ के नारे लगे, गरीबों के घर खाना खाया लेकिन गरीबी नहीं गई। उनका जीवन स्तर उठाने का काम नरेंद्र मोदी ने किया। एक चाय वाले के घर जन्म लेकर वे इस जगह पर पहुंचे। उन्होंने गरीबी को देखा है। अनुभव किया है। नरेंद्र मोदी के मन में टीस होती है कि जो दुख उन्होंने झेला है, भारत का कोई बच्चा वह न झेले। इसी से सारी योजनाएं निकलीं। आज बड़े-बड़े पंडित आंकड़े को जमीन पर उतरता देख अचंभित हो जाते हैं।

नरेंद्र मोदी एक आदर्शवादी नेता हैं। उनमें कार्यकर्ता को पहचानने की गजब शक्ति है। मैंने उनके जैसा श्रोता नहीं देखा। घंटों लोगों को सुनते हैं और उनकी बातों में काफी अच्छा निकाल लेते हैं। दीये की लौ उर्ध्व गति में जाती है, वही मोदी की सोच है। योजनाओं को लागू करने के लिए मोदी जैसा आग्रही व्यक्ति नहीं देखा।

लोगों के लिए जब बैंक खाते खोलने थे, तब वे रोज आंकड़े देखते थे। एक-एक दिन की रिपोर्ट लेते थे। तब लोग बातें करते थे कि खाते खुल जाएंगे तो क्या होगा। बैंक अकाउंट खुलने के बाद हर गरीब को, विधवा मां को पेंशन डायरेक्ट ट्रांसफर होने लगा। डीबीटी की स्कीम बैंक खाते नहीं खुलते तो संभव नहीं होता। कोरोना के संकट से इन योजनाओं से ही देश बाहर आया। कोरोना आया तो मैं गृहमंत्री था। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भारत में नहीं था। दूसरे देश के लोग चिंता करते थे। कोरोना के बाद दूसरे देश के लोग भारत की प्रशंसा करने लगे और अपने देश की चिंता करने लगे। जब कोरोना आया तो वैज्ञानिकों की टीम बना दी। कुछ ही देश टीका बना पाए जिसमें भारत देश शामिल है।

प्रशासन को इस रायपुर में कर्फ्यू लगाना है तो कितने जतन करने पड़ेंगे। मोदीजी ने कहा कि जनता कर्फ्यू है, कोई बाहर नहीं निकलेगा। बिना किसी नोटिफिकेशन के लोग घर पर रहे। श्रद्धा के तौर पर घंटी बजाओ कहा और पूरा देश यह करने लगा। लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रधानमंत्री थे, युद्ध चल रहा था। शनिचर को कई सारे लोगों ने खाना छोड़ दिया था। उनके बाद एकमात्र प्रधानमंत्री मोदी आए जिसके कहने पर पूरे देश ने स्वीकार किया। लोगों को लगता है कि नेता हमारे लिए सोच रहा है। सवा दो सौ करोड़ से ज्यादा को कोरोना वैक्सीन के डोज दे दिए और हम कोरोना से बाहर खड़े हो गए। हमारे दोनों डोज हो गए। तीसरा मुफ्त देने का काम चल रहा है।

2010 से 2014 का कालखंड आया था, जब पूरा देश निराश हो गया था। यूपीए की सरकार थी, मनमोहन सिंह पीएम थे, लेकिन चलाती सोनिया गांधी थी। उस वक्त घपले घोटाले हुए। न जाने कितनी निर्भया के साथ दुष्कर्म हुए। देश का भविष्य धुंधला सा हो गया था। लोग सोचने लगे थे, हमारी बहु पक्षीय लोकतांत्रिक व्यवस्था विफल हो गई है। उसी वक्त भाजपा ने 2014 में नरेंद्र मोदी को पीएम पद का प्रत्याशी घोषित किया। तीस साल बाद पहली पूर्ण बहुमत की सरकार बनी, जिसके नेता नरेंद्र मोदी बने। 8 साल के अंदर लोकतंत्र के प्रति आस्था चरमरा गई थी। आज देश के अंदर लोग कहते हैं कि हम सफल लोकतंत्र हैं। हम लोकतंत्र की जननी हैं। 130 करोड़ की जनता के मन में लोकतंत्र की आस्था को गहरी करने का काम नरेंद्र मोदी ने किया है।

देश में परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण तीन नासूर थे। भाजपा के अलावा सभी दलों को देखिए। बाप के बाद बेटा, बेटा नहीं तो भाई, नहीं तो दामाद भी लाइन लगाकर बैठे हैं। सारी राजनीतिक पार्टियां परिवारवाद में लिप्त थीं। मोदी सरकार में आए तो परिवारवाद को लोगों ने उखाड़ फेंका। विपक्ष भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकता। पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस में काम किया। युवा देखें यहां परिवारवाद भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण नहीं चलता। लोगों की आस्था को गहरी करने का काम मोदीजी ने किया।

मोदी जी के समय भाजपा को दो राष्ट्रपति तय करने का मौका मिला। पहले रामनाथ कोविंद देश के गरीब घर में जन्मा दलित का बेटा राष्ट्रपति बना। दूसरी बार मौका मिला तो आदिवासियों में भी सबसे पिछड़ी जनजाति और गरीब घर की बेटी को महामहिम द्रौपदी मुर्मू बनाया। यह देश का परिवर्तन का संदेश है। इस पर छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश के सारे आदिवासी भाई बहन गौरव करते हैं। 75 साल तक कोई आदिवासी देश का राष्ट्रपति नहीं बन पाया, नरेंद्र मोदी ने किया।

गुजरात में वनबंधु कल्याण योजना शुरू की थी। इससे पहले कई सरकारों ने योजनाएं बनाई थी। रोड बनाए। लाइट लगा दी लेकिन मोदीजी ने जनजातीय क्षेत्र का सर्वांगीण विकास किया। इस योजना के चार चरण थे। पहला एक व्यक्ति का विकास। दूसरा गांव का विकास। क्षेत्र का विकास और सुविधाओं का विकास। इन चारों को मिलाकर वनबंधु कल्याण योजना बनाई। विकास के लिए राशि का प्रबंधन किया। सबसे पहले मोदी के नेतृत्व में गुजरात में शुरुआत हुई। गरीबों का कल्याण करने की शुरुआत की।

मोदीजी का जीवन काफी सरल है। जो लोग अचानक भोजन के समय उनके निवास गए हैं, वे जानते हैं कि मोदी भोजन में खिचड़ी और छाछ के अलावा कुछ नहीं लेते। आलू की सब्जी मिल जाए तो बहुत है। सादगी और पारदर्शिता से जीते हैं। मोदी के पीएम बनने से पहले सालों से पाकिस्तान घुसपैठ करता था। ऊरी पुलवामा में हमले के विरोध में एयर स्ट्राइक सर्जिकल स्ट्राइक देश में घुसकर जवाब दिया। लोगों में यह आत्म विश्वास दिलाया। घर में घुसकर दंड देने का किसी में सामर्थ्य है तो भारत में है, यह संदेश दिया। फैसले व्यक्ति को अच्छे लगें ऐसे फैसले नहीं लेने आए बल्कि मेरे और आपके लिए अच्छे हों, ऐसे फैसले लेने चाहिए। मोदी जैसे फैसले लेते हैं, राहुल बाबा ट्वीट कर देते हैं। जब लोगों को समझ में आता है तो राहुल बाबा का मुंह छोटा हो जाता है। मलेरिया से बचाव के लिए डॉक्टर हमें कड़वी दवा देता है। नोटबंदी जीएसटी जैसे फैसले कड़वी दवा के समान है, जिससे देश के लिए घातक मलेरिया दूर करने का काम किया।