भारतीय सेना ने कायम की मिसाल, पहली बार दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में महिला अधिकारी की तैनाती

Chhattisgarh Crimes

नई दिल्ली। भारतीय सेना के लिए गर्व का क्षण है। भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स की कैप्टन शिवा चौहान ने मात्र 25 साल की उम्र में वो कर दिखाया है जो अभी तक नहीं हुआ था। जी हां, शिवा सियाचिन बैटलग्राउंड में तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। इनकी तैनाती कुमार पोस्ट में हुई है। यह पहली बार हुआ है जब भारतीय सेना में किसी महिला अधिकारी की इतनी खतरनाक पोस्ट पर तैनाती हुई है। बता दें, सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र माना जाता है। शिवा -31 डिग्री के तापमान में अपनी ड्यूटी निभाएंगी। फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स की तरफ से जो तस्वीरें शेयर की गई हैं उसमें कैप्टन शिवा ड्यूटी करते दिखाई दे रही हैं।

11 साल की उम्र में पिता को खो दिया

राजस्थान की कैप्टन शिवा चौहान एक बंगाल सैपर अधिकारी हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा उदयपुर से पूरी की है और एनजेआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, उदयपुर से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। शिवा मात्र 25 साल की हैं। इनका जन्म 1997 में हुआ था। इन्होंने 11 साल की छोटी उम्र में अपने पिता को खो दिया था। इनकी मां एक हाउसवाइफ हैं।

परिवार ने सेना में जाने के लिए प्रेरित किया

परिवार ने बचपन से ही शिवा को भारतीय सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। इन्होंने ओटीए, चेन्नई में प्रशिक्षण के दौरान काफी उत्साह दिखाया जिसके बाद इन्हें मई 2021 में इंजीनियर रेजिमेंट में नियुक्त किया गया। एक वर्ष की युवा सेवा में, कैप्टन शिवा ने सफलतापूर्वक नेतृत्व करके धैर्य और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। जुलाई 2022 में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आयोजित सियाचिन युद्ध स्मारक से कारगिल युद्ध स्मारक तक सुरा सोई साइकिलिंग अभियान में 508 किलोमीटर की दूरी तय की।

पुरुषों का नेतृत्व करने की चुनौती ली

अधिकारी ने तब दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में सुरा सोई इंजीनियर रेजिमेंट के पुरुषों का नेतृत्व करने की चुनौती ली। प्रदर्शन के आधार पर सियाचिन बैटल स्कूल में प्रशिक्षण लेने के लिए उन्हें चुना गया। अधिकारी को सियाचिन बैटल स्कूल में कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जहां उन्होंने भारतीय सेना के अधिकारियों और जवानों के साथ प्रशिक्षण लिया। विभिन्न चुनौतियों के बावजूद, कैप्टन शिवा ने अदम्य प्रतिबद्धता के साथ सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा किया। फिर 02 जनवरी 2023 को उन्हें सियाचिन ग्लेशियर में शामिल किया गया। कैप्टन शिवा चौहान के नेतृत्व में सैपर्स की टीम कई युद्ध इंजीनियरिंग कार्यों के लिए जिम्मेदार होगी और तीन महीने के लिए पोस्ट पर तैनात की जाएगी।