रायपुर। 2003 बैच के आईपीएस और अभी बिलासपुर आईजी रतनलाल डांगी की एक पहचान तेज-तर्रार, नक्सलियों पर नकेल डालने वाले अफसर के रूप में जानते हैं, लेकिन इन दिनों वो सोशल मीडिया पर योग-व्यायाम को लेकर खासे मशहूर हो चुके हैं। इतने कि उनका एक वीडियो 60 लाख बार देखा गया है। डांगी, रोज सुबह 6 से 8 एक्सरसाइज और योग करते हैं। इसके बारे में युवाओं को बताते हैं। इस दौरान वे युवाओं को करियर, सामाजिक दायित्व जैसे विषयों पर मोटिवेशनल स्पीच भी देते हैं। ये सब इतना प्रभावी हो गया है कि अब यूथ और बच्चे तक उनसे मिलने आने लगे हैं।
दो बार राष्ट्रपति पुलिस वीरता पुरस्कार
छत्तीसगढ़ कैडर मिलने के बाद उनकी पोस्टिंग बीजापुर, कांकेर, बस्तर के एसपी के रूप में हुई। उन्होंने वहां नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया और बड़ी सफलताएं हासिल की। कई नक्सलियों को मार गिराया, गिरफ्तार किया। आईजी दंतेवाड़ा, कांकेर, राजनांदगांव रहते हुए कई बार नक्सलियों से सीधी मुठभेड़ में शामिल हुए। इस वीरता के कारण उन्हें साल 2008 और साल 2009 का राष्ट्रपति पुलिस वीरता पुरस्कार मिला।
ऐसे की मिशन की शुरुआत
आरएल डांगी के शब्दों में ही सुनिए उनके ‘गाइड द यूथ, ग्रो द नेशन’ मिशन के बारे में “ मैं बहुत गरीबी-अभावों में पला बढ़ा हूं, इसलिए ठान लिया था, कि जब भी कुछ करने लायक बनूंगा तो अभाव झेल रहे बच्चों-युवाओं के लिए कुछ करूंगा। मैं जब टीचर था तो वहां के हॉस्टल में किताबें, पेन-पेंसिल बांटता था, फिर कुछ की फीस भरनी शुरू की। छत्तीसगढ़ आया तो लगा कि पूरी ताकत से युवाओं के लिए कुछ करूं तो उन्हें सोशल मीडिया के जरिए शारीरिक फिटनेस, सात्विक भोजन, करियर को लेकर गाइड करने लगा। युवा, योग, फिजिकल फिटनेस प्रोग्राम से तेजी से जुड़ते गए। कोरोना काल में योग और व्यायाम करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी उनको लाभ भी हुआ। योग मन को शांत रखता है, विचारों को शुद्ध रखता है। जब युवाओं की सुबह की शुरुआत ऐसी होगी तो वो सही दिशा में जा सकेंगे“ वे साथ ही जोड़ते हैं कि मैं इस काम को अपनी ड्यूटी से बिलकुल अलग रखता हूं। सुबह 8 से पहले मेरे पूरे सेशन, बातचीत हो जाती है। इसके बाद मैं अपने कर्तव्य का पालन करता हूं।
आपकी इम्यूनिटी ही बचाएगी कोरोना से
आरएल डांगी कहते हैं कि वर्तमान और आने वाले समय में व्यक्ति की इम्यूनिटी ही उसे कोरोना से बचाएगी। योग-व्यायाम, खान-पान का ध्यान, मेहनत, अच्छी सोच बस बेहतर इम्यूनिटी के लिए इतना ही चाहिए होता है। मैं रोज युवाओं को योग सिखाता रहूंगा और आग्रह भी करता रहूंगा कि वे स्वस्थ्य रहने का प्रयास करें, क्योंकि सफलता के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य पहली शर्त है।