दुर्ग के सरकारी जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर में छात्राएं हो रही कोरोनों से संक्रमित फिर भी प्रशासन गंभीर नहीं…

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। वैश्विक महामारी करोना के संक्रमण से हर कोई भयभीत हैं। दुर्ग के सरकारी जीएनएम सेंटर में ट्रेनिंग ले रहे छात्राएं भी भयभीत है, क्योंकि यहां पर कोरोना ने दस्तक देते हुए कई छात्राओं को अपने चपेट में ले लिया है। जिसके चलते वर्तमान में जो छात्राएं हॉस्टल में हैं वह काफी भयभीत हैं। ट्रेनिंग ले रही छात्राओं के पालकों का कहना है कि प्रशासन हमारे बच्चों का ठीक से सुध नहीं ले रहा है ऐसे में हम अपने बच्चों को अपने घर सुरक्षित ले जाना चाहते हैं। वही दूसरी ओर हॉस्टल में रह रहे छात्राओं ने 3 अप्रैल को जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गंभीर सिंह ठाकुर को पत्र लिखकर अपनी दिक्कतों से अवगत कराते हुए मांग किया है कि यहां लगातर छात्राएं कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं ऐसे में हमें हमारे घर भेजा जाए और ना ही हमारी ड्यूटी कोरोना ड्यूटी में लगाया जाए।

मिली जानकारी के अनुसार यहां पर वर्तमान मैं 35 छात्राओं का बैच जीएनएम की ट्रेनिंग ले रही हैं जिसमें से कुछ छात्राएं कोरोना से संक्रमित हों चुकी हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रेनिंग ले रही छात्राओं को अभी सिर्फ अक्टूबर तक ही स्टायफंड मिला है और जो छात्राएं कोरोना संक्रमण से बच गई है वो हॉस्टल में रहकर अपने स्वयं के खर्च पर कोरोना में ड्यूटी भी कर रही हैं। इधर जब हमने जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गंभीर सिंह ठाकुर से इस विषय में बात करने का प्रयास किया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाने के चलते उनसे उनका पक्ष नहीं मिल सका है। वहीं हॉस्टल की प्राचार्या संगीता गृहम से हमनें बात किया तो उनका कहना था कि वे इस विषय को लेकर लगातर अधिकारियों से संपर्क कर रहीं हैं। छात्राएं काफी डरी हुई है जो शीर्ष अधिकारियों का निर्देश होगा उसका पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो छात्राएं कोरोना से संक्रमित हुई थी उनका कोरेंटिन प्रियड पूरा हो जाने के बाद उनको घर भेजा जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि आज तीन छात्राएं फिर से कोरोना से संक्रमित हुईं हैं।

यहां पर यह सवाल खड़ा होता है कि लगातार ट्रैनिंग सेंटर में कोरोना के मामले आने के बाद भी दुर्ग जिला का स्वास्थ्य प्रशासन हॉस्टल में रह रही छात्राओं पर तत्काल कोई सार्थक निर्णय क्यों नहीं ले रही हैं। हॉस्टल की छात्राएं इतनी भयभीत है कि वो लागतार अधिकारियों के चौखट पर दस्तक दे रही हैं पर कहीं से उन्हें संतुष्टीप्रद जवाब नहीं मिल पा रहा है।

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