आज मनाई जा रही है गुरु पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र और महत्व

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आज आषाढ़ शुक्ल पक्ष की उदया तिथि पूर्णिमा और सोमवार का दिन है। पूर्णिमा तिथि आज शाम 5 बजकर 9 मिनट तक रहेगी, उसके बाद श्रावण कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। आज स्नान-दान की आषाढ़ी पूर्णिमा है। आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। हमारा भारत देश अनेक परंपराओं का साक्षी रहा है। इन्हीं परंपराओं में से एक है गुरु-शिष्य परंपरा। प्राचीनकाल से ही भारत देश महान गुरु और उनके शिष्यों की जन्मस्थली रहा है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन वेद व्यास जी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को व्यास पूर्णिमा या वेद व्याज जयंती के नाम से भी जाना जाता है।

गुरु पूर्णिमा 2023 शुभ मुहूर्त

गुरु पूर्णिमा आरंभ – रात 8 बजकर 21 मिनट पर ( 2 जुलाई 2023)
गुरु पूर्णिमा समापन- शाम 5 बजकर 8 मिनट पर (3 जुलाई 2023)
गुरु पूर्णिमा के दिन इन मंत्रों करें जाप
गुरुर्देवो गुरुर्धर्मो, गुरौ निष्ठा परं तपः। गुरोः परतरं नास्ति, त्रिवारं कथयामि ते ।।
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥
ॐ वेदाहि गुरु देवाय विद्महे परम गुरुवे धीमहि तन्नौ: गुरु: प्रचोदयात्।
ॐ गुरुभ्यों नम:

गुरु पूर्णिमा का महत्व

शास्त्रों में गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है। गुरुओं के बारे में स्वयं भगवान शिवजी कहते हैं- गुरुर्देवो गुरुर्धर्मो, गुरौ निष्ठा परं तपः। गुरोः परतरं नास्ति, त्रिवारं कथयामि ते ।। अर्थात् गुरु ही देव हैं, गुरु ही धर्म हैं, गुरु में निष्ठा ही परम धर्म है। गुरु से अधिक और कुछ नहीं है। आपको ज्ञात होगा भगवान शिव भी किसी न किसी के ध्यान में लगे रहते हैं, यानी उनसे भी बड़ा कोई है जो उन्हें मार्गदर्शन देता है और जिनकी शरण में वे अपना मस्तक झुकाते हैं। आज के दिन गुरु के आशीर्वाद से आप अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। वहीं गुरु मंत्र के लिए गुरु पूर्णिमा का दिन सबसे बेहत होता है।